मुंबई में 19–20 अगस्त 2025 की भारी बारिश के बीच दो मोनोरेल ट्रेनें बीच रास्ते में फंस गईं। एक ट्रेन में 582 यात्री फंसे, जबकि दूसरी में लगभग 200। तकनीकी गड़बड़ी और अत्यधिक भीड़ के कारण पावर संबंध टूटा और ट्रेनें अटक गईं। दमकल दलों और आपात टीमों ने क्रेन, खिड़कियाँ तोड़कर और आपात रास्तों से लगभग 782 यात्रियों को कई घंटे में सुरक्षित बाहर निकाला। कुछ को घुटन और सांस लेने में तकलीफ़ हुई, उन्हें डॉक्टरों ने साइट पर या अस्पताल में उपचार दिया। यह घटना मुंबई की जनरहित परिवहन प्रणालियों की सीमाओं और विपरीत मौसम में सुरक्षा चुनौतियों को उजागर करती है।